हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ/इदारा तंज़ीमुल मकातिब द्वारा "रमज़ान का महीना कैसे बिताएं" शीर्षक से एक आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसे ऑनलाइन संस्था के यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से दुनिया भर के फ़रज़ंदाने तौहीद ने देखा और सुना।
इस कार्यक्रम में विद्वानों ने रमजान माह से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर अकादमिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया, जिनमें से कुछ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, जैसे कि हमारे समाज में इस मुबारक महीने का स्वागत कैसे किया जाता है और इमामों ने क्या प्रक्रियाएं अपनाईं, रोज़ा इफ्तार की रस्म, पवित्र कुरान को पढ़ने के गुण, विद्वानों और उपदेशकों के प्रति जनता के कर्तव्य आदि। कार्यक्रम में रमजान की खूबियों, इबादत के महत्व और रोजे के आध्यात्मिक लाभों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
उल्लेखनीय है कि विद्वानों ने रमजान की फजीलत और रोजे के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रमजान का महीना सिर्फ शारीरिक इबादत का समय नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक और नैतिक शुद्धि का भी साधन है। इस महीने के दौरान लोग अपने पापों से पश्चाताप करते हैं और अल्लाह को प्रसन्न करने के लिए अधिक से अधिक इबादत करते हैं।
कार्यक्रम में विद्वानों एवं बुद्धिजीवियों ने विद्वत्तापूर्ण वक्तव्यों के माध्यम से जनता का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर मौलाना सय्यद सफी हैदर, मौलाना सय्यद जुल्फिकार हैदर, मौलाना मुहम्मद हसन मारूफ (लंदन), मौलाना सय्यद हैदर अब्बास रिजवी, मौलाना सय्यद फैज अब्बास, मौलाना सय्यद मुमताज जाफ़र, मौलाना सय्यद तहजीब-उल-हसन, मौलाना फिरोज अली, मौलाना सय्यद फिरोज हुसैन और मौलाना सय्यद मुहम्मद अली के अलावा इंजीनियर सय्यद शोएब साहब जो यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व सीईओ भी थे, मौजूद रहे।
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